19 जुलाई, 2009

मुश्किल में पड़े बद्रीनाथ गए तीर्थयात्री

बद्रीनाथ की यात्रा पर गए करीब 12 हजार श्रद्धालु बीच रास्ते में ही फंस गए हैं. इन तीर्थयात्रियों का फिलहाल वहां से लौटना मुश्किल लग रहा है क्योंकि जिस रास्ते से इन्हें वापस आना था, वहां एक पुल नदी में बह गया है. बद्रीनाथ से 20 किलोमीटर दूर लामबगड़ में बना पुल बीती रात बादल फटने से नदी में बह गया।
बद्रीनाथ के पाँच हजार यात्री फँसे
जोशीमठ के आगे लामबगड़ के निकट भूस्खलन के कारण मार्ग टूटने और पुलिया बह जाने से बद्रीनाथ मार्ग अवरुद्ध हो गया है। इससे लगभग पाँच हजार तीर्थ यात्री बीच में ही फँस गए हैं। भूस्खलन बादल फटने से हुआ।
सीमा सड़क संगठन के प्रभारी अधिकारी मेजर नरेश कुमार के अनुसार गत रात्रि लामबगड़ के ऊपर वन क्षेत्र में बादल फटने से स्थानीय नाले में अचानक आई बाढ़ के कारण बद्रीनाथ मार्ग जोशीमठ से लगभग 25 किमी आगे लामबगड़ के निकट लगभग 150 मीटर तक टूट गया है।
इसके साथ ही उसी स्थान पर बना डाट पुल भी बह गया है। मार्ग के अवरुद्ध हो जाने से बद्रीनाथ में लगभग तीन हजार और पाण्डुकेश्वर में ऊपर जाने वाले लगभग दो हजार यात्री फँस गए हैं।
उन्होंने बताया कि अगर मौसम ने साथ दिया तो सड़क को भारी नुकसान के बावजूद तीन दिन के अन्दर अस्थायी तौर पर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू करा दी जाएगी मगर, सड़क की मरम्मत का कार्य पूर्ण होने में दो माह से अधिक समय लग सकता है।
उन्होंने बताया कि उस स्थान पर नीचे लोहे के गर्डर और लकड़ी लगाकर पैदल चलने योग्य बना दिया गया है। बसें कम से कम दो माह से पहले इधर से नहीं गुजर पाएँगी, लेकिन यात्रियों को आरपार खड़ी बसों में अदला-बदली कर यात्रा शुरू करा दी जाएगी, लेकिन समस्या उन निजी वाहनों की होगी, जो बद्रीनाथ गए हैं।
सन 2004 में इसी स्थान के निकट इसी तरह सड़क टूट गई थी, जिसे ठीक करने में दो माह का समय लग गया था। उस समय विष्णु प्रयाग जलविद्युत परियोजना की सुरंग से ट्रैफिक पार कराया गया था, मगर इस बार सुरंग में पानी चल रहा है।

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