21 जुलाई, 2009

ग्रहण बदलेगा तारेगना की किस्मत

सूर्यग्रहण के बिहार में सबसे अच्छा दिखने के आसार हैं। पटना से 35 किमी दूर स्थित तारेगना गाँव में भारत का सबसे अच्छा सूर्यग्रहण दिखेगा। पटना में दुनियाभर के वैज्ञानिकों के आने की भी संभावना जताई जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि तारेगना गाँव में ही देश के महान गणितज्ञ व खगोलशास्त्री आर्यभट्ट ने पढ़ाई की थी। सदी के इस सबसे बड़े सूर्यग्रहण को देखने के लिए कई भारतीय संस्थाओं के अलावा विदेशी भी भारत आ रहे हैं। इतने बड़े सूर्यग्रहण को नजदीक से देखने का मौका वे चूकना नहीं चाहते।
पटना के तारेगना गाँव की किस्मत ही इस ग्रहण ने बदल दी। गाँव के लोगों को पहले विश्वास ही नहीं हो रहा था कि गाँव से सूर्यग्रहण सबसे अच्छा दिखेगा। जब इस बात का विश्वास हो गया, तब पटना से आए लोगों ने बताया कि विदेश से भी लोग गाँव में आएँगे। यह बात सुनकर तक गाँववालों की बाँछे ही खिल गई। गाँव के लोगों ने स्वयं जाना कि आखिर सूर्यग्रहण होता क्यों है? गाँव के स्कूल में विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षकों की माँग सभी दूर बढ़ गई और इन दिनों गाँव के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चे भी सूर्यग्रहण को देखने की तैयारी कर रहे हैं।

तारेगना के बारे में यह भी कहा जाता है कि उसका अर्थ तारों की गणना है। अब गाँव में कई विदेशी वैज्ञानिकों के अलावा देश के वैज्ञानिक भी तारेगना पहुँचने वाले हैं। इस बारे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने अधिकारियों को गाँव में विशेष व्यवस्थाएँ करने के लिए आदेश भी दे दिए हैं और गाँव में साफ-सफाई भी हो चुकी है, सड़कों की मरम्मत हो चुकी है और अन्य सुविधाएँ भी जुटाई जा रही हैं।

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