21 जुलाई, 2009

जमकर सुनाओ जरदारी पर जोक्स, नहीं होगी सजा


पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बीच मतभेद एक बार फिर सामने आ गए हैं। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के आदेशों को रद्द किया और गिलानी ने राष्ट्रपति के नजदीकी तीन मंत्रियों को पद से हटाने की धमकी दी।

मौजूदा विवाद का आरंभ करते हुए गिलानी ने कभी अपने संरक्षक रहे जरदारी द्वारा फ्रांस में देश के राजदूत के रूप में जहांजेब खान की नियुक्ति को रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि नियुक्ति से पहले उनसे परामर्श नहीं किया गया और यह नियुक्ति तब की गई जब वह गुट निरपेक्ष आंदोलन के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मिस्र के शर्म अल-शेख शहर में थे।

इसके अलावा गिलानी ने जरदारी के नजदीकी माने जाने वाले तीन मंत्रियों को बर्खास्त करने की भी धमकी दी। माना जा रहा है कि इनमें से एक आतंरिक मंत्री रहमान मलिक हैं।

सोमवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में गिलानी ने इसका संकेत देते हुए कहा कि बहुत हो चुका। पिछले एक वर्ष से मैं अपने मंत्रियों के प्रदर्शन का आकलन कर रहा हूं। अब मैं योग्यता के आधार पर कुछ बदलाव करूंगा,किसी व्यक्ति की पसंद और नापसंद के आधार पर नहीं क्योंकि मैं 17 करोड़ से अधिक लोगों वाले देश को चलाने के लिए जिम्मेदार हूं।

गिलानी ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन स्पष्ट है कि "कोई व्यक्ति" जरदारी ही हैं। एक अन्य घटना में गिलानी ने सरकार विरोधी खासकर जरदारी विरोधी ई-मेल और एसएमएस भेजने पर जेल की सजा के प्रावधान के आतंरिक मंत्री रहमान मलिक के आदेश के अमल पर रोक लगा दी।

ध्यान दें

प्रकाशित समाचारों पर आप अपनी राय या टिपण्णी भी भेज सकते हैं , हर समाचार के नीचे टिपण्णी पर क्लिक कर के .

लोकप्रिय समाचार