20 जुलाई, 2009

नए केन्द्रीय विद्यालयों के लिए पैसा नहीं

शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन के दावे करने वाली संप्रग सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने सोमवार को कहा कि मंत्रालय के पास नए केन्द्रीय विद्यालय खोलने के लिए पैसा नहीं है।
सिब्बल ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान घनश्याम अनुरागी के सवाल के जवाब में नए केन्द्रीय विद्यालय खोलने में यह कहते हुए अपनी लाचारी जाहिर की कि उनके मंत्रालय के पास 11वीं पंचवर्षीय योजना में देश में कोई भी नया केन्द्रीय विद्यालय खोलने के लिए पैसा नहीं है और जब तक धन की व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक कोई भी नया केन्द्रीय विद्यालय नहीं खोला जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि देश में इस समय 981 केन्द्रीय विद्यालय हैं और उनके मंत्रालय को पिछले बजट में केवल 1500 करोड़ रुपया मिला जो मौजूदा केन्द्रीय विद्यालयों को चलाने में ही खर्च हो गया।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने 4600 करोड़ रुपये की माँग की थी लेकिन उसे केवल 1500 करोड़ रुपए मिले।
सिब्बल ने लाचारी जाहिर करते हुए कहा कि 1500 करोड़ रुपये में और केन्द्रीय विद्यालय नहीं बनाए जा सकते। उन्होंने बताया कि देश में इस समय 275 ऐसे असैनिक जिले हैं जहाँ कोई भी केन्द्रीय विद्यालय नहीं है।
लेकिन सिब्बल ने साथ ही दृढ़ता के साथ कहा कि सरकार की योजना देश के हर जिले में एक केन्द्रीय विद्यालय खोलने की है क्योंकि केन्द्रीय विद्यालयों के बच्चे अन्य सभी सरकारी और निजी विद्यालयों से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

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