19 जुलाई, 2009

जरदारी का मजाक उड़ने पर मिलेगी सजा


पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का मजाक उड़ना पाकिस्तान में अब जुर्म करार दिया गया है। 14 साल की सजा हो सकती है। मोबाइल फोन द्वारा भेजी जानी वाली संक्षिप्त संदेश सेवा [एसएमएस] के जरिए जरदारी का मजाक उड़ाने वालों से परेशान पाकिस्तानी सरकार ने यह कानूनी प्रावधान कर दिया है कि जो भी एसएमएस के जरिए जरदारी का मजाक उड़ाते हुए पकड़ा जाएगा, उसे जेल की हवा खानी पड़ेगी।

गृह मंत्री रहमान मलिक के अनुसार, अगर कोई मजाक में ही सही जरदारी की छवि को धूमिल करने वाला एसएमएस भेजते या फिर पढ़ते हुए पकड़ा जाएगा तो उसे 14 साल की कैद हो सकती है। मलिक ने पिछले हफ्ते संघीय जांच एजेंसी [एफआईए] को जरदारी का 'मजाक' उड़ाने संबंधी सभी मोबाइल संदेशों और ई-मेल का पता लगाने का काम सौंपा है। इस तरह के मामलों का निपटारा 'साइबर क्राइम एक्ट' के तहत किया जाएगा।

14 साल की कैद के अलावा इस तरह के संदेश भेजने या पढ़ने वालों को अपनी संपत्तिसे भी हाथ धोना पड़ सकता है। मलिक का तो यहां तक कहा है कि अगर कोई विदेश में रहकर ऐसे संदेश जारी करता है तो पाकिस्तान सरकार उसे गिरफ्तार करने के लिए इंटरपोल की भी मदद ले सकती है। सरकार के इस फैसले का मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और ब्लागर्स ने तीखी आलोचना की है। लोगों ने इसे तानाशाही फरमान करार दिया है।

यहां के समाचार पत्र 'द नेशन' ने लिखा है कि एफआईए को मोबाइल संदेशों को 'पकड़ने' का काम सौंपकर सरकार ने आतंकवाद विरोधी जांच के काम को एक तरह से किनारे रख दिया है। समाचार पत्र के मुताबिक, एफआईए का काम आतंकवाद के खिलाफ काम करना है, न कि मोबाइल संदेशों के माध्यम से विचारों का आदान-प्रदान करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना।

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