विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अमेरिका रवाना होने के पूर्व लाहौर में पत्रकारों से कहा कि हम भारत से वार्ता चाहते हैं, लेकिन कोई शर्त स्वीकार करने के इच्छुक नहीं हैं। हम खुले और दोस्ताना वातावरण में वार्ता करना चाहते हैं। अगर भारत सोचता है कि उसे पाकिस्तान पर दबाव बना कर कुछ हासिल होगा, तो वह गलत है।
न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से अलग भारतीय विदेश मंत्री एस एम कृष्णा से मुलाकात करने वाले कुरैशी ने कहा कि भारत लगातार वक्तव्य देकर और आतंकवाद जैसे मुद्दों को विश्व समुदाय के सामने लाकर 'पाकिस्तान को रक्षात्मक मुद्रा की स्थिति' में ला रहा है।
उन्होंने दावा किया कि ऐसे कदम भारत के 'आंतरिक राजनीतिक दबाव' के कारण है, लेकिन पाकिस्तान इनसे प्रभावित नहीं होगा। दूसरी ओर विदेश विभाग के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने कहा कि अमेरिका में भारत के पाकिस्तान पर दबाव डालने के प्रयास 'पाकिस्तान विरोधी प्रचार' के तहत थे।
उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि इस प्रचार से कुछ हासिल नहीं होगा। हम मुंबई हमलों की जांच पूरी गंभीरता से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भी आतंकियों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है।