01 सितंबर, 2009

रूस का दौरा करेंगी राष्ट्रपति

रूस के साथ सामरिक साझेदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल बुधवार से मास्को के आधिकारिक दौरे पर जाएँगी।
राष्ट्रपति के दौरे के बारे में विदेश सचिव निरुपमा राव ने संवाददाताओं से कहा कि रूस के साथ भारत की साझेदारी आपसी विश्वास, मित्रता और पूर्ण सहयोग पर आधारित है और इस दौरे से दोनों देशों के बीच मित्रता और मजबूत होगी।
राष्ट्रपति ताजिकिस्तान का भी दौरा करेंगी जो मध्य एशिया में किसी भारतीय राष्ट्रपति का पहला दौरा होगा और उस देश के राष्ट्रीय दिवस समारोहों में भी हिस्सा लेंगी। यह सम्मान विरल ही किसी विदेशी हस्ती को मिलता है।
राव ने कहा कि रूस के साथ रक्षा, परमाणु उर्जा और अंतरिक्ष में वृहद् सहयोग मजबूत आधार तैयार करते हैं और कहा कि 21वीं सदी में शांति और स्थिरता के लिए दोनों देशों का हित एकसमान है।
राष्ट्रपति तीन दिवसीय मास्को दौरे में अपने रूसी समकक्ष दमित्री मेदवेदेव और प्रधानमंत्री ब्लादीमिर पुतिन के साथ वार्ता करेंगी।
राव ने कहा कि दौरे में दोनों देशों के बीच आपसी हितों के लिए भारत की रणनीतिक एवं सहयोगात्मक भागीदारी पर जोर दिया जाएगा।
यह पूछने पर कि क्या नई दिल्ली मास्को के साथ परमाणु समझौते की बात उठाएगा तो उन्होंने कहा कि रूस के साथ द्विपक्षीय समझौते में वृहद् क्षेत्र शामिल हैं।
राव ने कहा कि दौरे से रूस के साथ कई क्षेत्रों में हमारी आपसी विश्वसनीयता, समझ और भरोसा मजबूत होगा।
रूस के राष्ट्रपति के आमंत्रण पर वहाँ का दौरा करने वाली राष्ट्रपति के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल में पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा, कपड़ा राज्य मंत्री पी लक्ष्मी और कुछ सांसद शामिल होंगे। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने मई 2005 में रूस का दौरा किया था।
इयर ऑफ इंडिया इन रशियन फेस्टिवल समारोह में शामिल होने के अलावा राष्ट्रपति भारतीय समुदाय और भारतीय दूतावास स्कूल के छात्रों से भी मिलेंगी। वह रूस के एक स्कूल का भी दौरा करेंगी जहाँ हिंदी पढ़ाई जाती है।
एक सवाल के जवाब में राव ने कहा कि दोनों देशों के राष्ट्रपति के दौरे में किसी संधि पर हस्ताक्षर करने की संभावना नहीं है।
रूस की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति सेंट पीटर्सबर्ग का भी दौरा करेंगी।
ताजिकिस्तान की छह सितंबर से शुरू हो रही यात्रा के दौरान पाटिल वहाँ के राष्ट्रपति इमामोली राखमोन से भी मिलेंगी।
ताजिकिस्तान की संसद को संबोधित करने के अलावा राष्ट्रपति वहाँ के राष्ट्रपति के साथ भारत-ताजिकिस्तान संयुक्त व्यवसाय फोरम को भी संबोधित करेंगी।
यात्रा के दौरान दोनों देश आपसी हितों के द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2003 में ताजिकिस्तान का दौरा किया था।

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