27 अगस्त, 2009

नई विदेश व्यापार नीति घोषित

सरकार ने निर्यात में गिरावट को रोकने और इसमें वर्ष 2010-11 तक 15 फीसदी वृद्धि हासिल करने की घोषणा के साथ गुरुवार को 2009-14 के लिए विदेश व्यापार नीति की घोषणा की।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने नई नीति की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से अगले वित्त वर्ष 2010-11 के दौरान देश का निर्यात बढ़कर 200 अरब डालर हो जाएगा। शर्मा ने कहा कि इस नीति का लक्ष्य निर्यात में गिरावट के रुख को रोकना और विपरीत दिशा में मोड़ना है। दो साल बाद इस नीति की समीक्षा की जाएगी।

मंत्री द्वारा घोषित उपायों में निर्यातोन्मुखी [ईओयू] इकाइयों के लिए आयकर छूट की अवधि में एक साल तक बढ़ोतरी, शुल्क रिफंड योजना एक साल तक जारी रखना और बाजार के विकास संबंधी योजनाओं के तहत निर्यातकों को पहले से अधिक सहायता मुहैया कराना शामिल है।

उल्लेखनीय है कि वैश्विक वित्तीय नरमी से बुरी तरह प्रभावित भारतीय निर्यात में पिछले 10 महीने से गिरावट जारी है। जून 2009 को समाप्त दूसरी तिमाही के दौरान निर्यात में 31 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।

वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान भारत का निर्यात 168 अरब डालर था। मंत्री ने 2010-11 तक इसे 200 डालर करने का लक्ष्य रखा है।

शर्मा ने अपनी पहली विदेशी व्यापार नीति पेश करते हुए कहा कि भारत विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले [वैश्विक वित्तीय संकट से] कम प्रभावित हुआ है लेकिन पारंपरिक बाजार में मांग के संकुचन के कारण पिछले 10 महीनों के दौरान हमारा निर्यात प्रभावित हुआ है। इन में से कुछ देशों द्वारा अपनाई जा रही संरक्षणवादी नीतियों के कारण समस्याएं बढ़ गई हैं।

उल्लेखनीय है कि अप्रैल से जून की तिमाही में निर्यात में 31 फीसदी का संकुचन हुआ है। शर्मा ने वित्त वर्ष 2009-10 के लिए निर्यात में 15 फीसदी की वृद्धि का लक्ष्य रखा है।

अमेरिका और पश्चिमी यूरोप जैसे पारंपरिक बाजारों के अलावा अन्य क्षेत्रों में व्यापार के लिए प्रोत्साहित करते हुए शर्मा ने कहा कि मैं आर्थिक हालात में सुधार की प्रकृति एवं पैमाने और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मंदी पूर्व की वृद्धि के स्तर पर वापसी के बारे में कोई अटकलबाजी का जोखिम नहीं उठाना चाहता।

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