जिंस बाजार में मूल्यों में आई तेजी पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने जहां शुल्कमुक्त चीनी आयात की खुली छूट दी है, वहीं कुछ कडे़ कदम भी उठाए हैं। इसके तहत सरकार ने अब चीनी के बड़े उपभोक्ताओं पर शिकंजा कसने का फैसला किया है। कच्चे माल के रूप में चीनी का उपभोग करने वाले बड़े उपभोक्ताओं को स्टाक सीमा के दायरे में ले लिया गया है। ऐसे उपभोक्ताओं को अब 15 दिन से अधिक का स्टाक रखने की छूट नहीं होगी। यह छूट भी छह महीने तक के लिए ही होगी। यह कदम इस सूचना के बाद उठाया गया है कि चीनी के ज्यादातर बड़े उपभोक्ता अपनी जरूरत से अधिक चीनी स्टाक कर रहे हैं। इससे खुले बाजार में चीनी की किल्लत हो गई है और कीमतें तेज हो गई हैं। बड़े उपभोक्ताओं में उन्हें शुमार किया है, जिनके यहां प्रति माह चीनी की औसत खपत 10 क्विंटल से अधिक है। इन उपभोक्ताओं में हलवाई की दुकानें, होटल और रेस्टोरेंट आते हैं।
उन्हें 15 दिनों से ज्यादा का स्टाक अगले छह महीने से अधिक रखने की छूट नहीं होगी। यह आदेश अधिसूचना जारी होने के 21 दिन बाद लागू होगा।
यह आदेश केंद्र सरकार, केंद्र शासित प्रदेश, राज्य सरकार अथवा स्थानीय निकायों, चैरिटेबल ट्रस्ट , अस्पताल, छात्रावास अथवा किसी शैक्षिक संस्थान पर लागू नहीं होगा।