सीमा रिजवी पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता स्वर्गीय डा. एजाज रिजवी की पुत्री थीं। मुख्यमंत्री मायावती ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि डा. रिजवी मृदुभाषी तथा मिलनसार जनप्रतिनिधि थीं। वह लखनऊ विश्वविद्यालय की उर्दू विभाग की प्रमुख भी थीं। वह विश्वविद्यालय में सहायक कुलानुशासक, लड़कियों के कैलाश हास्टल की प्रोवोस्ट भी रह चुकीं थीं। उन्होंने एक दर्जन से भी ज्यादा किताबें लिखीं।
डा. सीमा रिजवी लखनऊ विश्वविद्यालय में वर्ष 1990 में लेक्चरर बनी थीं। वर्ष 2001 में वह उर्दू विभाग में रीडर बनीं और 2008 में विभाग की प्रमुख। उनका पार्थिव शरीर देर शाम विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग भी लाया गया। उनके अंतिम दर्शन को शाम छह बजे से ही उर्दू विभाग के सामने बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के प्रवक्ता व वरिष्ठ अधिकारियों की भीड़ थी।
इससे पूर्व स्वर्गीय डा. सीमा के शव को दोपहर तीन बजे उनके गोमतीनगर में ए-4/83 विशालखंड स्थित घर लाया गया। यहां कई मंत्री और अधिकारी भी पहुंचे। शाम साढ़े सात बजे शव भाजपा मुख्यालय लाया गया, जहां भाजपा नेताओं ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। भाजपा का ध्वज भी उनके पार्थिव शरीर पर ढका गया। शव को गार्ड आफ ऑनर के बीच ऐशबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।