11 अगस्त, 2009

स्वाइन फ्लू से अब तक आठ की मौत

पुणे में 13 साल की लड़की ने गँवाई जान
स्वाइन फ्लू का दायरा तेजी से फैल रहा है। इस बीमारी से मंगलवार को पुणे में एक 13 साल की लड़की की मौत हो गई। इसके साथ ही पुणे में मरने वालों की संख्या जहाँ पाँच पर पहुँच गई है, वहीं देशभर में अब तक आठ लोग इसका शिकार हो चुके हैं।
स्वाइन फ्लू ने सोमवार को चेन्नई में चार वर्ष के एक लड़के की जान ले ली ी। पुणे में दो व्यक्तियों को जान से हाथ धोना पड़ा था। बीमारी के फैलाव से चिंतित केन्द्र सरकार ने निजी अस्पतालों से इसके खिलाफ मुहिम में शामिल होने को कहा।
देश में स्वाइन फ्लू के मरीजों की तादाद एक हजार के पार हो गई है। केन्द्र सरकार ने घातक एच1एन1 वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कुछ ताजा उपाय किए हैं। इसके अंतर्गत निजी प्रयोगशालाओं को बीमारी की जाँच की इजाजत देने के साथ ही निजी अस्पतालों को इसका इलाज करने को कहा गया है। सोमवार को 95 नए मरीजों में स्वाइन फ्लू के संक्रमण की पुष्टि हुई।
जिन 95 नए मामलों की पुष्टि हुई है, उनमें पुणे में 47, मुंबई में 22, पंचगनी में 6, दिल्ली में 14, मेंगलूर में 3 तथा नोएडा, अजमेर और गुड़गाँव में एक-एक मामला शामिल है। इनमें आधे अकेले पुणे से हैं। इस तरह अब तक देश में इस बीमारी से पीड़ित लोगों की तादाद 959 पर पहुँच चुकी है।
देश में अब तक इस घातक बीमारी से हुई मौतों में पुणे में तीन अगस्त को 14 साल की रिदा शेख की मौत देश में स्वाइन फ्लू से पहली मौत थी। उसके बाद 8 अगस्त को मुंबई में 53 साल की फहमीदा पानवाला और पुणे के 42 साल के शिक्षक संजय तुकराम कोकरे, 9 अगस्त को अहमदाबाद में 43 साल के एक अप्रवासी भारतीय तथा सोमवार सुबह पुणे में आयुर्वेद चिकित्सक बाबासाहब माने और उसके बाद चेन्नई में एक साढ़े चार साल के बच्चे की मौत इस रोग से हो गई है।
अभी तक स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मामलों की जाँच और इसके शिकार मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी सरकारी अस्पताल ही उठा रहे थे। ऐसे में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने एक उल्लेखनीय टिप्पणी में कहा कि सरकार जरूरत पड़ने पर स्वाइन फ्लू के शिकार लोगों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों को ‘कानूनी निर्देश’ जारी कर सकती है।

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