24 जुलाई, 2009

जनवितरण प्रणाली से मिलेंगी दालें

देश में दाल की आसमान छूती कीमतों से आम आदमी को राहत दिलाने के लिए केंद्र ने मुनासिब कीमत पर इसे मुहैया कराने के लिए जनवितरण प्रणाली की मदद लेने की घोषणा की है।
इसके साथ ही सरकार ने देश के विभिन्न भागों में कम बारिश होने से पैदा स्थिति से निबटने के लिए गैर बासमती चावल और गेहूँ के निर्यात पर रोक लगाते हुए राज्यों को हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया है।
कृषिमंत्री शरद पवार ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि स्थिति पर सरकार की नजर है और दालों की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर इसे आम लोगों को मुनासिब कीमत पर मुहैया कराने के लिए जनवितरण प्रणाली की मदद ली जाएगी।
दालों की कीमतों में हो रही भारी वृद्धि पर पवार ने कहा कि यह अस्थायी घटना है और इसमें जल्दी ही सुधार आएगा। उन्होंने कीमतों में हुई भारी वृद्धि का कारण बताते हुए कहा कि इसकी फसल मुख्य रूप से मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में होती है, जो बहुत हद तक बारिश पर निर्भर हैं। अगर बारिश अच्छी होती है तो दालों की फसल भी अच्छी होती है।
उन्होंने कहा कि दालों की माँग और आपूर्ति में अंतर है तथा इसे पूरा करने के लिए हमें आयात करना होता है। इसके साथ ही उन्होंने बिहार को डीजल सब्सिडी में 50 प्रतिशत मदद देने का आश्वासन दिया। बिहार सरकार अपने यहाँ किसानों को डीजल पर प्रति लीटर 15 रुपए की सब्सिडी दे रही है।

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