अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा ने रविवार को भारत की धनी सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत 450 साल पुरानी मुगल काल की बेमिसाल इमारत हुमायूं के मकबरे को देखकर इसे एक ‘चमत्कार ’बताया।
दिल्ली में अपने प्रवास की शुरुआत 16वीं शताब्दी की इस बेमिसाल इमारत को देखने के साथ करने वाले ओबामा अपनी पत्नी के साथ मकबरे को देखने गए।
मुख्य इमारत में प्रवेश करते हुए ओबामा ने कहा, ‘आश्चर्यजनक। आओ जरा देखते हैं। यह चमत्कार इमारत है। यदि हमारे लोगों को इसे सात साल में बनाना हो तो काफी कठिन काम होगा। अच्छा ठेकेदार रहा होगा।
राष्ट्रीय राजधानी के बारे में उन्होंने कहा कि दिल्ली ऐसा आधुनिक शहर है, जिसकी जडें सभ्यता से जुड़ी विरासत में हैं। हुमायूं के मकबरे से ही प्रेरित होकर वास्तुकारों ने ताजमहल जैसे दुनिया के सातवें अजूबे के निर्माण का रास्ता तैयार किया था।
मुंबई से दिल्ली पहुँचने पर 49 वर्षीय ओबामा और 46 वर्षीय उनकी पत्नी मिशेल का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रोटोकाल से हटकर अपनी पत्नी गुरशरण कौर के साथ हवाई अड्डे पर स्वागत किया।
ओबामा अमेरिका के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जो हुमायूं का मकबरा देखने गए। इसी इमारत की वास्तु के तर्ज पर 17वीं सदी में ताजमहल का निर्माण किया गया था।
उसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद (दिल्ली) केके मुहम्मद ओबामा दंपति को मकबरा दिखाने ले गए । उन्होंने उन्हें इस इमारत से जुडी सभी जानकारियाँ भी दीं।
मुहम्मद उन्हें इमारत के इतिहास की जानकारी देने के बाद मकबरे को घेरे हुए हरे भरे उद्यान में ले गए। दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन में लाल पत्थरों से बनी इस इमारत का हाल ही में आगा खान सांस्कृतिक ट्रस्ट और एएसआई ने जीर्णोद्धार किया है।
इमारत के प्रवेश द्वार पर ओबामा का स्वागत एएसआई के महानिदेशक गौतम सेनगुप्ता और अन्य अधिकारियों ने किया।
सफेद शर्ट, काली पतलून और टाई पहने ओबामा और उनकी पत्नी ने मकबरे से जुडी जानकारियों को ध्यान से सुना। उन्होंने इस इमारत के विविध पहलुओं से जुडी जानकारियां भी हासिल कीं।
ओबामा और मिशेल ने उन 14 बच्चों से भी मुलाकात की, जो इमारत में काम करने वाले मजदूरों के हैं। इन बच्चों ने ओबामा दंपति ने हाथ मिलाया। ये बच्चे चार से दस साल उम्र के थे और उनके साथ उनके माता पिता भी ओबामा से मिलने आए थे।
ओबामा और मिशेल ने इन बच्चों को कुछ तोहफे भी दिए। ओबामा ताज देखने नहीं जा रहे हैं, जहाँ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन सन् 2000 में अपनी भारत यात्रा के दौरान गए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिहाज से मकबरे और उसके आसपास के इलाके को किले में तब्दील कर दिया गया था।
भारतीय उप महाद्वीप में यह पहला बागों वाला मकबरा है। इसे हुमायूं की विधवा हामिदा बानो ने 1562 में बनवाया था, जिसका डिजाइन ईरान के वास्तुकार मिरक मिर्जा ने तैयार किया था। यह मकबरा हुमायूं के निधन के एक दशक बाद बना था। ओबामा के दौरे के मद्देनजर मकबरा आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था।