23 अगस्त, 2009

बिहार में दाल-खाद्य तेल पर लाइसेंस की तैयारी

बिहार में जमाखोरी रोकने के लिए राज्य सरकार अब चीनी के बाद दाल व खाद्य तेलों के व्यापार को भी लाइसेंस के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। चीनी की ही माफिक इन दोनों जिंसों की भी स्टाक लिमिट तय होगी। सरकार ने राशन दुकानों के जरिए दाल की बिक्री का भी फैसला किया है, हालांकि इसकी औपचारिकताएं पूरी की जानी अभी बाकी हैं। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव त्रिपुरारी शरण ने बताया कि दाल और खाद्य तेलों को भी लाइसेंस के दायरे में लाया जायेगा। फिलहाल यह विमर्श के दौर में है लेकिन जल्द ही निर्णय ले लिया जायेगा। इसका उद्देश्य, जमाखोरी रोकना है। श्री शरण ने बताया कि दाल की बिक्री राशन दुकानों के मार्फत भी की जायेगी। फिलवक्त यह व्यवस्था गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) के परिवारों के लिए ही हो रही है। उन्हें 1 किलो दाल दी जायेगी। प्रति किलो पर 10 रुपये की सब्सिडी होगी। मध्यम वर्गीय परिवारों (एपीएल) को सुविधा न देने के संबंध में खाद्य सचिव ने कहा कि अभी यह शुरूआत है। वैसे, एपीएल परिवारों में राशन दुकान जाने की टेंडेंसी नहीं के बराबर है। बताते चलें कि केन्द्र ने राज्य सरकार को 4000 टन दाल मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। इसमें 2000 टन चना और इतनी ही मात्रा में साबूत मसूर है। मसूर की कीमत 52.65 रुपये प्रति किलो है तो चना की 31.10 रुपये प्रति किलो। अनुदान के बाद दोनों दरों में 10 रुपये प्रति किलो की कमी हो जायेगी। प्रत्येक बीपीएल परिवार को 1 किलो के करीब दाल उपलब्ध हो सकेगी। केन्द्र ने राज्य सरकार को मूंग दाल उपलब्ध कराने का भी भरोसा दिलाया था, लेकिन स्थानीय लोगों में मूंग दाल खाने की आदत नहीं होने से इसे नहीं उठाया जायेगा। जहां तक राशन दुकानों के मार्फत दाल की आपूर्ति की बात है, उसमें एक पेंच फंसा है। खाद्य आपूर्ति विभाग ने दाल के उठाव के वास्ते वित्त विभाग से 22 करोड़ की कार्यशील पूंजी बतौर ऋण मांगी थी। वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव को टर्न डाउन कर दिया। अब सूचना है कि विभाग ने दाल के व्यापार में राज्य खाद्य निगम को अपनी पूंजी लगाने को कहा है। बताया जाता है कि 65 लाख से अधिक बीपीएल परिवारों को राशन आपूर्ति के लिए विभाग ने निगम को जो 60 करोड़ की पूंजी मुहैया करायी है, दाल का व्यापार भी उसी राशि से करना है। राशन की दुकानों से रियायती दर पर खाद्य तेल बांटने की भी व्यवस्था पर विचार चल रहा है। राशन दुकानों के वितरण वाले खाद्य तेलों पर प्रति किलो 15 से 25 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। राशन दुकानों से सोयाबीन, सरसों तेल, मूंगफली तेल और पामोलिन तेल वितरित किया जाएगा।

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