19 अगस्त, 2009

सूखे की चपेट में है देश का आधा हिस्सा

देश का लगभग आधा हिस्सा सूखे की चपेट में है, जिसके कारण चावल के उत्पादन में 10 प्रतिशत की कमी हो सकती है. कृषि मंत्री शरद पवार ने यह जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि सरकार कीमतों को काबू में रखने और राशन के जरिये आपूर्ति बढ़ाने के लिए अपने भंडार को भी इस्तेमाल में लायेगी.
चीनी की आपूर्ति बढ़ाने पर विचार
पवार ने सूखे और मूल्यवृद्धि के संदर्भ में रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए राज्यों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि अगर कीमतें बढ़ती हैं तो केन्द्र अपने भंडार से गेहूं और चावल को जारी करेगा. सरकार राशन की दुकानों के जरिये चीनी आपूर्ति बढ़ाने की भी तैयारी कर रही है.
कुल 246 जिले सूखा प्रभावित
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''दस राज्यों ने 246 जिलों को सूखा प्रभावित घोषित किया है. यह देश के कुल जिलों का लगभग 46.947 प्रतिशत हिस्सा है.'' उन्होंने कहा, ''मानसून में कमी के कारण धान फसल का क्षेत्र पिछले वर्ष से करीब 57 लाख हेक्टेयर घट जाएगा तथा चावल का उत्पादन करीब एक करोड़ टन कम हो जाएगा.'' उन्होंने कहा कि तिलहन और गन्ना उत्पादन में भी कुछ कमी होने की आशंका है. भारत ने वर्ष 2008-09 में 9 करोड़ 91.5 लाख टन चावल का उत्पादन किया, जिसमें पिछले खरीफ सत्र का 8 करोड़ 45.8 लाख टन उत्पादन भी शामिल है.

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