अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि आज विश्व स्तर पर युवाओं को नेतृत्व सौंपने का समय आ गया है। उनमें अपार क्षमताएं हैं, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जो देश युवाओं को नेतृत्व प्रदान करेंगे वहां विकास का स्तर ऊंचा होगा। हिलेरी सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रही थीं।
डीयू कैंपस में आकर हिलेरी भी काफी खुश नजर आई। इस दौरान डीयू के कन्वेंशन हॉल में 'शेपिंग द 21 सेंचुरी' विषय पर एक लेक्चर भी हुआ। इस दौरान हिलेरी ने कहा कि अब वक्त बदल गया है। दो देशों के बीच राजनयिक स्तर के साथ सामाजिक व आपसी भाईचारे की खाई को पाटने का समय आ गया है। आज जरूरत 'प्रोफेशनल डिप्लोमेट' की नहीं बल्कि 'सिटीजन डिप्लोमेट' की है। उन्होंने महिला सशक्तीकरण पर विशेष जोर देते हुए सभी देशों से महिलाओं के उत्थान के लिए काम करने के लिए कहा। महिला सशक्तीकरण पर बातें करते हुए कुछ पल के लिए वह भावुक भी हो गई।
डीयू के विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- 'मैंने आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान की इच्छाशक्ति को देखा है। बीते सालों में पाकिस्तान भी आतंकी हमलों का शिकार हुआ है।' उन्होंने कहा कि उनका देश आतंकवाद जैसी समस्या से लड़ने के लिए भारत की मदद चाहता है। अब पहले जैसा समय नहीं रहा जब किसी देश की क्षमता को उसकी सैन्य शक्ति से आंका जाता था। अब विकास और युवा नेतृत्व सहित कई अन्य शक्तियां इस पर हावी है। उन्होंने इरान और कोलंबिया का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों जगहों पर युवाओं के आगे आने से काफी कुछ बदला है। उन्होंने कहा कि कोलंबिया में युवा ड्रग्स माफिया और इरान में खराब चुनाव प्रक्रिया को सुधारने के लिए युवा आगे आए और सफलता मिली। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका की आपसी भागीदारी से दोनों देशों के भविष्य को बदला जा सकता है।
इससे पहले हिलेरी क्लिंटन ने डीयू की तारीफ करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में डीयू का विश्व स्तर पर नाम है। उन्होंने कहा कि हालांकि पहले से शिक्षा पर दोनों देशों के बीच साझा कार्यक्रम चल रहे हैं लेकिन और बढ़ोतरी करने की बात कही। फैकल्टी एक्सचेंज को बढ़ाया जाएगा। भारत में नेतृत्व की क्षमता है और आने दिनों में भारत सबका गुरु बनेगा। इस दौरान कुलपति प्रो. दीपक पेंटल सहित डीयू, जामिया सहित पाकिस्तान के लाहौर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी उपस्थित थे।