नवगछिया , संवाद सहयोगी । पूर्व मध्य रेल के बरौनी कटिहार रेल खंड में खरीक और नवगछिया स्टेशन के बीच मंगलवार की सुबह हुयी २४२४ डाउन राजधानी एक्सप्रेस के दुर्घटना की जाँच उड्डयन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कमिश्नर ऑफ़ रेलवे सेफ्टी द्वारा बुधवार को नवगछिया स्टेशन पर होगी। जहाँ वे दुर्घटना के समय कार्यरत स्टेशन मास्टर ,यातायात निरीक्षक सहित अन्य रेल कर्मचारिओं इत्यादि से बारी बारी से पूछताछ करेंगे।
वरिष्ठ अधिकारी जमे हैं दुर्घटना स्थल पर
नवगछिया , संवाद सहयोगी । नवगछिया खरीक स्टेशन के बीच अम्भो ढाला के पास मंगलवार को हुयी राजधानी एक्सप्रेस के दुर्घटना स्थल पर मंगलवार की सुबह से ही पूर्व मध्य रेल के छोटे से लेकर बड़े अधिकारी तक डेरा डाले जमे हैं। जिसमें पूर्व मध्य रेल के महा प्रबंधक ए पी मिश्रा , उप महा प्रबंधक वरुण जी, सोनपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक राजेन्द्र कुमार अग्रवाल , इस रेल सेक्सन के अधिकारी , आरपीऍफ़ एवं जीआरपी के वरीय पदाधिकारी भी हैं।देर शाम तक चौदह डब्बों में से सात डब्बों को हटा लिया गया था । जल्द ही यातायात को सामान्य बनाने की बात बतायी जा रही है। समाचार लिखने तक कोई भी मामला दर्ज नहीं हो सका था । बुधवार को प्राथमिकी दर्ज होने की संभावना है।
कई यात्री नवगछिया स्टेशन में फंसे ---- फोटो
नवगछिया , संवाद सहयोगी । राजधानी एक्सप्रेस के दुर्घटना के बाद से इस क्षेत्र में रेल का परिचालन अचानक बंद हो जाने से मंगलवार को दिन भर यात्री परेशान दिखाई दिए। जिसमें से कुछ जरुरत मंद यात्रिओं ने लाचारीवस सड़क मार्ग का सहारा ले लिया। इसके बाबजूद भी देर शाम और रात को ट्रेन पकड़ने आये रेल यात्री नवगछिया स्टेशन पर फंसे रह गए। जिनको सड़क मार्ग से अन्यत्र जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला। जिसके कारण इन यात्रिओं को नवगछिया स्टेशन के निर्माणाधीन मुसाफिर खाना तथा प्लेट फार्म पर किसी तरह से रात बिताने को मजबूर होना पड़ा।
इसी क्रम में पुर्णिया के मदनेश्वर ठाकुर , कटिहार स्थित एमजेएम महिला कोलेज की प्रोफ़ेसर मन्दिरा पाल भी अपनी एक बेटी के साथ सुरक्षित रहने की चिंता को लेकर नवगछिया स्टेशन मास्टर कक्ष के बाहर बैठ कर रात बिता रही थी। इन लोगों ने बताया कि हमलोग विक्रमशिला एक्सप्रेस से आये थे। इसके बाद हमलोगों को नवगछिया से ट्रेन पकड़ कर आगे जाना था । विक्रमशिला लेट से आई और हमलोग नवगछिया में फँस गए। अब कोई साधन भी नहीं मिलाने वाला है , मज़बूरी में रात को काटनी ही होगी।

