भारतीय और अमेरिकी समाज की 300 से अधिक हस्तियों के बीच सिंह ने व्हाइट हाउस में आयोजित भोज में कहा कि इस महान देश पर ओबामा के नेतृत्व के साथ ही विश्व में कई तरह के परिवर्तन हो रहे हैं।
ओबामा द्वारा की गई प्रशंसा और अमेरिकी प्रशासन की मेहमाननवाजी से अभिभूत सिंह ने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग के नए रास्ते तलाशने होंगे ताकि देशों की बढ़ती अन्तरनिर्भरता से जो गंभीर चुनौतियाँ पैदा हुई हैं, उनका सामना कारगर ढंग से किया जा सके।
अमेरिका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीधे भारत के दिल तक पैठ बनाई, जब उन्होंने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए हिंदी में कहा कि आपका स्वागत है। भारतीय मेहमान का स्वागत करते हुए उन्होंने दीवाली, गुरुनानक जयंती, महात्मा गाँधी और जवाहरलाल नेहरू की बात करके भारत से अपनी करीबी का इजहार किया।
ओबामा ने कहा कि आप लोगों में से बहुत से लोग उस दिन यहाँ मौजूद थे, जब मैंने रौशनी का त्योहार दीवाली मनाया था और ऐसा करने वाला मैं देश का पहला राष्ट्रपति बना। आप लोगों में से कुछ उस दिन भी यहाँ रहे होंगे जब हमने व्हाइट हाउस में पहली बार सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्मदिन मनाया था।
उन्होंने कहा कि आज हम मेरे राष्ट्रपति काल के पहले राजकीय भोज पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और श्रीमती गुरशरण कौर के साथ एक बार फिर साथ हैं क्योंकि हम अमेरिका और भारत के बीच लगातार बढ़ती भव्य साझेदारी का जश्न मना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में सबसे खुशगवार लम्हों को आम तौर पर खुले आसमान के नीचे मनाया जाता है और आज रात भी कुछ ऐसा ही है। हमारे सामने शानदार खाना और संगीत है और आसपास हमारे करीबी दोस्त हैं। ऐसे ही लम्हों के लिए कहा गया है कि पूरी कायनात में सबसे खुशगवार लम्हा वह होता है जब हमारे सिर पर तारों भरा आसमान हो और हमारे भीतर फर्ज निभाने का जज्बा हो।
अपने करीब ही खड़े सिंह की ओर मुखातिब ओबामा ने कहा कि मि. प्राइम मिनिस्टर आज हमने अपने फर्ज निभाने के लिए काम किया और अपने देशों को पहले से कहीं ज्यादा करीब ले आए। आज रात हमने तारों की रोशनी में उस भावना को सलाम किया जो हमारी भागीदारी और दोनों देशों के बंधन को मजबूत करेगी।
ओबामा की टिप्पणी का जवाब देते हुए सिंह ने कहा कि आपसे इस तरह का व्यवहार करके हमारा और भारत की जनता का सम्मान किया है। हम आपकी मेहमाननवाजी और शिष्टाचार तथा प्रथम महिला के व्यक्तित्व और शालीनता से अभिभूत हैं।
सिंह ने कहा कि दो प्रमुख लोकतंत्रों के रूप में भारत और अमेरिका को पूरी मानवजाति के लिए एक साझा भविष्य के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभानी होगी।
उन्होंने कहा कि मि. प्रेजीडेंट हमारे दोनों देशों के बीच एक मजबूत और सतत संपर्क हमारे लोगों के लिए अच्छा होगा और कुल मिलाकर पूरी दुनिया के लिए यह बहुत जरूरी है। हम अपनी भागीदारी के एक नए दौर के मुहाने पर हैं। हमें अपनी भागीदारी की व्यापक क्षमता और महत्व को महसूस करते हुए अपने समान मूल्यों और हितों को मजबूत करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं हमारी सामरिक भागीदारी के नवीकरण और विस्तार के लिए आपके साथ मिलकर काम करने के प्रति आशान्वित हूँ। उन्होंने कहा कि सामाजिक और मानवीय विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, उर्जा और अन्य संबंद्ध क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग का विस्तार हमारे देश के लाखों लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाएगा।
उन्होंने कहा कि करीब 27 लाख भारतीय अमेरिकियों की मजबूत आबादी हमारे साझा मूल्यों का सम्मान है। उन्होंने हमारे संबंधों को गहरा और समृद्ध किया है और मैं उन्हें अपने दिल की गहराई से धन्यवाद देता हूँ।
ओबामा की तारीफों के पुल बाँधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि व्हाइट हाउस तक का उनका सफर भारत में लाखों लाख लोगों की कल्पना का हिस्सा बन गया है। आप उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो लोकतंत्र, विविधता और समान अवसर के मूल्यों का सम्मान करते हैं।
सिंह ने ओबामा की उपलब्धियों का बखान करने के लिए अब्राहम लिंकन को उदधृत किया, जिन्होंने कहा था कि अंत में आपके जीवन के वर्ष नहीं गिने जाएंगे, बल्कि आपके वर्षों में कितना जीवन था इसकी गणना होगी।