कलाम को विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि
पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम को यहाँ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) के 16 जनवरी को होने वाले सालाना दीक्षांत समारोह में विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान जाएगी।कलाम ने समारोह का मुख्य अतिथि बनने के लिए अपनी सहमति दे दी है और एनआईटी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष द्रोण रथ सातवें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करेंगे।एनआईटी के निदेशक प्रोफेसर सुनील कुमार सारंगी ने गुरुवार को यहाँ मीडियाकर्मियों से कहा कि 1965 बैच के छात्र एन आर मोहंती, हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स बेंगलूर के पूर्व अध्यक्ष सुखेंदु मिश्रा और आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर दामोदर आचार्य को भी सम्मानित किया जाएगा।
ध्यान दें
प्रकाशित समाचारों पर आप अपनी राय या टिपण्णी भी भेज सकते हैं , हर समाचार के नीचे टिपण्णी पर क्लिक कर के .
लोकप्रिय समाचार
-
तीन दिन के दौरे के बाद वापस लौटे शाहरुख का स्वागत करने के लिए सांता क्रूज हवाई अड्डे पर भारी संख्या में उनके प्रशंसक मौजूद थे। इस मौके पर खा...
-
जेट एयरवेज का दिल्ली जा रहा एक यात्री विमान आज सुबह ढाका हवाई अड्डे पर हवाईपट्टी से फिसल गया. दुर्घटना में किसी यात्री के हताहत होने की खबर ...
-
योग गुरु बाबा रामदेव ने सक्रिय राजनीति में खुद के आने के तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ने क...
-
नक्सलियों ने मंगलवार को बिहार के गया-मुगलसराय खंड के अंतर्गत आने वाले इस्माइलपुर स्टेशन को जला दिया। अपने साथियों की गिरफ्तारी के विरोध में ...
-
लोकसभा चुनाव के बाद शांत रहने को मजबूर हुए समाजवादी पार्टी , जद ( एस ), लोक जनशक्ति पार्टी और वाम जैसे राजनीतिक दलों ने म...
-
रविवार की सुबह बिजली की कड़क से ग्रिड स्टेशन में खराबी आ गई है । विभाग के लोगों के अनुसार नवगछिया में बिजली अब सोमवार ...
-
पं. राजेश शर्मा जुलाई माह में 22 तारीख को प्रकृति की अदभुत घटना खग्रास सूर्य ग्रहण के रूप में घटने जा रही है। सूर्यग्रहण कर्क राशि एवं पुष्य...
-
राज्य में स्वाईन फ्लू के प्रति स्वास्थ्य विभाग और भी सतर्क हो गया है। प्रत्येक जिले के सिविल सर्जनों को पत्र देकर इसके प्रति सचेत रहने का नि...
-
इंजेक्शन लगवाने के नाम पर बिदकने वाले और इसकी सुई से तोप के गोले से भी ज्यादा खौफ खाने वाले लोगों के लिए वैज्ञानिकों ने एक दर्दहीन इंजेक्शन ...
-
करीब 129 साल पहले आज के ही दिन काशी (आधुनिक वाराणसी)में शहर से लगभग पंद्रह किलोमीटर दूर लमही गांव में अंग्रेजों ...