
नेपाल के प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने हिंदी में शपथ ग्रहण करने की वजह से विवादों से घिरे उपराष्ट्रपति परमानंद झा के निवास के समीप हुए बम विस्फोट और उन्हे मिल रही हत्या की धमकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए है।
विस्फोट से हुए नुकसान का जायजा लेने उनके गौरीघाट आवास पर शनिवार सुबह पहुंचे प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने हथियारबंद संगठन कीरत जनबादी वर्कर्स पार्टी [केजीडब्ल्यूपी] के सदस्यों की तलाश आरंभ कर दी है। यह संगठन ज्यादा मशहूर नहीं है। इस संगठन ने विस्फोट की जिम्मेदारी लेते हुए चेतावनी दी है कि यदि झा ने नेपाली में शपथ नहीं ली तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
नेपाल की तराई में पनपे 100 से अधिक भूमिगत संगठनों में यह भी एक है। पूर्वी नेपाल में कीरत समुदाय के लिए एक राज्य की स्थापना के लिए संघर्षरत केजीडब्ल्यूपी जबरन वसूली के कारनामों के कारण कुख्यात रहा है। संगठन ने पहले माओवादी सरकार के साथ वार्ता की थी और एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए थे। संगठन के नेताओं ने पिछले सप्ताह काठमांडो के मध्य में हथियारबंद होकर चेहरे पर नकाब लगाकर एक संवाददाता सम्मेलन करके सनसनी पैदा कर दी और सरकार पर अपने वादे पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया था।
झा ने सुप्रीम कोर्ट के रविवार तक नेपाली में शपथ लेने या पद से बर्खास्त होने संबंधी आदेश के विरोध में शुक्रवार को दो याचिकाएं दायर कीं थीं। इसके बाद ही नया विवाद भड़का। इसके कुछ घंटों के भीतर ही उनके तीन मंजिला आवास के समीप बम विस्फोट हुआ। इस घटना में एक महिला घायल हुई और एक दुकान को क्षति पहुंची। विस्फोट के समय झा अपने आवास में ही मौजूद थे।