'आराधना', 'अमर प्रेम', 'सफर', 'कटी पतंग' और 'आनंद' जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय करने वाले बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का निधन हो गया। उन्होंने मुंबई स्थित अपने निवास 'आशीर्वाद' में अंतिम सांस ली। गुरुवार को साढ़े ग्यारह बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राजेश खन्ना बीते 1 अप्रैल से बीमार थे। कमजोरी की शिकायत के चलते उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि उन्हें चार दिनों में ही डॉक्टरों ने अस्पताल से छुट्टी दे दी थी। राजेश से अलग रह रही उनकी पत्नी डिम्पल कपाड़िया बीमारी के बाद से ही उनकी देखभाल कर रही थी। उनकी बेटियां ट्विंकल, रिंकी, दामाद अक्षय कुमार और समीर शरण भी उनके साथ ही थे।
69 साल के अभिनेता को 23 जून को लीलावती अस्पताल में दोबारा भर्ती कराया गया था। तब उन्हें दो हफ्ते बाद अस्पताल से छुट्टी मिली थी। कमजोरी की शिकायत के कारण उन्हें शनिवार को लीलावती अस्पताल में तीसरी बार भर्ती कराया गया। लेकिन मंगलवार का डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी थी।
29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में जन्मे राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना है। 1966 में उन्होंने पहली बार 24 साल की उम्र में आखिरी खत नामक फिल्म में काम किया था। इसके बाद राज, बहारों के सपने, औरत के रूप जैसी कई फिल्में उन्होंने की। लेकिन उन्हें असली कामयाबी 1969 में आराधना से मिली। एक के बाद एक 14 सुपरहिट फिल्में देकर उन्होंने हिंदी फिल्मों के पहले सुपरस्टार का तमगा अपने नाम किया।
1971 में राजेश खन्ना ने कटी पतंग, आनंद, आन मिलो सजना, महबूब की मेंहदी, हाथी मेरे साथी, अंदाज नामक फिल्मों से अपनी कामयाबी का परचम लहराये रखा। बाद के दिनों में दो रास्ते, दुश्मन, बावर्ची, मेरे जीवन साथी, जोरू का गुलाम, अनुराग, दाग, नमक हराम, हमशक्ल जैसी फिल्में भी कामयाब रहीं। राजेश खन्ना ने डिंपल से 1973 में शादी की थी और 1984 में वो अलग हो गए थे।
राजेश खन्ना ने 90 के दशक में राजनीति में प्रवेश किया। 1991 में वे नई दिल्ली से कांग्रेस की टिकट पर संसद सदस्य चुने गये। 1994 में उन्होंने एक बार फिर खुदाई फिल्म से परदे पर पर अपनी दूसरी पारी शुरू की। आ अब लौट चलें, क्या दिल ने कहा, जाना, वफा जैसी फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया लेकिन इन फिल्मों को कोई खास सफलता नहीं मिली।
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