19 जनवरी, 2010

राजकीय सम्मान के साथ होगा बसु का अंतिम संस्कार

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के कद्दावर नेता ज्योति बसु के निधन के बाद कल होने वाले उनके अंतिम संस्कार के मौके पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

बसु का मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष हसीम अब्दुल हलीम ने यहाँ संवाददाताओं से कहा‘ज्योति बसु का कल राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल विधानसभा परिसर में बसु को श्रद्धांजलि देगा। बसु की पार्थिव देह विधानसभा परिसर में पाँच घंटे से अधिक समय के लिए रखी जाएगी।’

हसीना के साथ उनकी कैबिनेट के चार सदस्य और बांग्लादेश के पूर्व सैन्य शासक हुसैन मोहम्मद इरशाद भी मौजूद रहेंगे। इरशाद ने पश्चिम बंगाल से ही स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई की है।

बसु को श्रद्धांजलि देने वाले अन्य नेताओं में केंद्रीय मंत्री शरद पवार और जयपाल रेड्डी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा और राजद नेता लालू प्रसाद भी शामिल रहेंगे।

परिवर्तित कार्यक्रम के अनुसार बसु की पार्थिव देह को शवगृह से सुबह साढ़े आठ बजे अलीमुद्दीन स्ट्रीट स्थित माकपा मुख्यालय लाया जाएगा। फिलहाल, बसु का शव शवगृह में रखा गया है।

माकपा के राज्य सचिव विमान बोस ने कहा कि माकपा पोलित ब्यूरो और केंद्र और राज्य कमेटी के सदस्यों के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के नेता माकपा मुख्यालय में बसु को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। अलीमुद्दीन स्ट्रीट से बसु की देह को कुछ मिनट के लिए राज्य सचिवालय ‘राइटर्स बिल्डिंग’ ले जाया जाएगा। वहाँ मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।

इसके बाद देह विधानसभा परिसर लाई जाएगी। वहाँ सुबह 10 बजे से पार्थिव देह को पाँच घंटे के लिए दर्शनार्थ रखा जाएगा।

विधानसभा से बसु की शव यात्रा अपराह्न तीन बजे शुरू होगी। एसएसकेएम अस्पताल के निकट मोहारकुंज स्थित एक पार्क में उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया जाएगा। इसी अस्पताल को बसु का शरीर दान किया जा चुका है।

अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा‘बसु के शव का इस्तेमाल चिकित्सकीय अध्ययन और विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों के शोध कार्य के लिए होगा।'

बसु ने वर्ष 2003 में गैर..सरकारी संगठन ‘गणदर्पण’ के कार्यक्रम में शरीर दान की घोषणा करते हुए लिखा था‘एक कम्युनिस्ट के तौर पर मैं अंतिम साँस तक मानवता की सेवा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूँ। मैं अब खुश हूँ क्योंकि मौत के बाद भी मैं सेवा करता रहूँगा।’

बसु ने नेत्रदान की भी घोषणा की थी। कल उनके निधन के बाद ‘सॉल्ट लेक’ स्थित सुश्रुत आई फाउंडेशन के डॉक्टरों ने उनके नेत्र निकाल लिए थे। माकपा सूत्रों ने कहा कि बसु के कॉर्निया को मुक्ताकेशी आई फाउंडेशन के लिए रखा गया है।

माकपा मुख्यालय और सॉल्ट लेक स्थित बसु के आधिकारिक निवास इंदिरा भवन पर शोकाकुल लोग इकट्ठा हो गए हैं ताकि अपने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। वहीं पश्चिम बंगाल में घोषित हुआ दो दिवसीय राजकीय शोक सोमवार से शुरू हुआ।

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