04 अगस्त, 2009

बैंक यूनियनों के साथ वार्ता विफल

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों की वेतन वृद्धि और अन्य मुद्दों पर आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता के विफल होने े बाद दो दिन देशभर में
बैंककर्मी 6 अगस्त से हड़ताल पर
बैंकिंग सेवाएँ प्रभावित हो सकती हैं। बैंक यूनियनों ने छह अगस्त से दो दिन की हड़ताल पजाने का निर्णलिया है
हड़ताल की नौबत खत्म करने के लिए मुख्य श्रम आयुक्त की मौजूदगी में बैंकों की कर्मचारी यूनियनों और इंडियन बैंक एसोसिएशन की इस मसले पर बुलाई गई बैठक में कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक सीएच वेंकटाचलम ने कहा कि बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुँच पाई। हम हड़ताल पर जा रहे हैं।
वेंकटाचलम ने कहा कि आईबीए ने वेतन वृद्धि को प्रस्तावित 17.5 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा आईबीए ने पेंशन और किसी कर्मचारी की मौत पर उस पर निर्भर किसी व्यक्ति को सहानुभूति के आधार पर नियुक्ति की माँग को मानने से भी इनकार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि आईबीए के रवैये के कारण कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं। वेंकटाचलम ने कहा कि कर्मचारियों की जायज माँगों पर बैंक प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है, जिसकी वजह से ग्राहकों को परेशानी झेलनी पड़ेगी।
यूएफबीयू नौ बैंकों की कर्मचारी यूनियनों का संगठन है। इसके सदस्यों में सार्वजनिक, निजी क्षेत्र के साथ विदेशी बैंक भी शामिल हैं।
यूएफबीयू का दावा है कि हड़ताल में करीब दस लाख कर्मचारी (अधिकारियों सहित) शामिल होंगे। इससे देशभर में 60,000 बैंकों की शाखाओं मे कामकाज प्रभावित होगा। यूनियनों ने 6 और 7 अगस्त को हड़ताल की घोषणा की है।

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