04 अगस्त, 2009

अब चंद्रमा पर ग्रहण का संकट

गुरुवार को उपच्छाया चंद्रग्रहण के वक्त पूर्णिमा का चंद्रमा पूरा तो दिखेगा, लेकिन उसकी चमक कहीं खोई-खोईहोगी, जिसके अभाव में वह धुँधला नजर आएगा। चाँद पर ग्रहण का सर्वाधिक प्रभाव सुबह छह बजकर 10 मिनटपर दिखेगा। नौ फरवरी और सात जुलाई को देश पहले ही दो उपच्छाया चंद्रग्रहण देख चुका है। 31 दिसंबर कोआंशिक चंद्रग्रहण दिखाई देगा।
साइँस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कम्युनिकेटर्स एंड एजुकेटर्स (स्पेस) के निदेशक सीबी देवगन ने कहा कि धरती की उपच्छाया परछाई में चंद्रमा का छोटा-सा प्रवेश होगा, जिससे चाँद के दक्षिणी छोर पर अत्यंत सूक्ष्म धुँधलापन दिखाई देगा। इसे हालाँकि नंगी आँखों से देख पाना कठिन होगा।
देवगन ने कहा कि ग्रहण समूचे अफ्रीका, यूरोप तथा दक्षिणी अमेरिका में पूरी तरह दिखाई देगा। इसे पूर्वी उत्तरी अमेरिका में उगते हुए तथा एशिया में ढलते हुए देखा जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि छह अगस्त को पड़ने वाला ग्रहण 0.899 मैग्नीट्यूड के साथ साल का सबसे धुँधला उपच्छाया चंद्रग्रहण है। इसे नंगी आँखों से आसानी से नहीं देखा जा सकता, क्योंकि उप्च्छाया परछाई बहुत धुँधली होगी।
ग्रहण सिर्फ शोध करने वालों के लिए उपयोगी हो सकता है, लेकिन इसकी किसी भी छाया या परछाई को नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकेगा।
उपच्छाया चंद्रग्रहण छह अगस्त को सुबह चार बजकर 34 मिनट पर शुरू होगा और सुबह सात बजकर 44 मिनट पर खत्म होगा।

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