30 जुलाई, 2009

एक साथ दो सीटों से चुनाव लड़ने पर लगेगा ब्रेक


लोकसभा या विधानसभा चुनावों में दो सीटों से चुनाव लड़ने पर जल्द ही रोक लगने वाली है। राष्ट्रीय चुनाव आयोग दो सीटों से चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की तैयारी कर रहा है।

चाहे केंद्र के चुनाव हों या राज्यों के। दोनों में ही जब कोई प्रत्याशी दो संसदीय सीटों से चुनाव लड़ता है, तो दोनों जगह से जीतने की हालत में उसे एक सीट छोड़नी पड़ती है। सीट खाली होने पर वहां उपचुनाव कराने पड़ते हैं।

खास बात ये है कि उपचुनाव में भी जिला प्रशासन का उतना ही वक्त लगता है, जितना कि मुख्य चुनावों में। यही नहीं ऐसी हालत में पैसा भी दोगुना खर्च होता है। इसके अलावा कानून व्यवस्था के चरमराने की आशंका तबतक बनी रहती है, जबतक चुनाव निपट नहीं जाते। यानि चुनाव के दौरान अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात करना पड़ता है।

अधिकारियों के मुताबिक इन सभी बातों से छुटकारा पाने के लिए चुनाव आयोग अब दो सीटों से चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का मन बना चुकी है। रोक लगाने से पहले आयोग को जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 में संशोधन करना पड़ेगा, जिस पर विचार शुरू हो चुका है। असल में चुनाव आयोग ने 2004 में ही यह प्रस्ताव रखा था, लेकिन आम राय नहीं बन पाने के वजह से मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।

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