30 जुलाई, 2009

महाविद्यालयों में नहीं हो रहा ड्रेस कोड का पालन

भागलपुर के विभिन्न महाविद्यालयों में ड्रेस कोड का पालन सख्ती से नहीं हो रहा है। कहने भर को ही कालेजों में छात्रों के लिए ड्रेस कोड है। एसएम कालेज, टीएनबी, मारवाड़ी या ला कालेज, सभी जगह यही हाल है। एसएम कालेज में छात्राओं के लिए ग्रे कलर की सलवार सूट और दुपट्टा, टीएनबी में छात्रों के लिए क्रीम कलर का शर्ट और काला पैंट व छात्राओं के लिए क्रीम समीज एवं काली सलवार व दुपट्टा, मारवाड़ी में पीला शर्ट, काला पैंट, लड़कियों के लिए पीली समीज, दुपट्टा व काला सलवार एवं ला कालेज में उजला शर्ट, काला पैंट व जूता छात्रों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित है। इस कोड का सौ फीसदी पालन किसी भी कालेज में नहीं है। वैसे ड्रेस कोड का इतिहास भागलपुर विश्र्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. रामाश्रय यादव से जुड़ा हुआ है। उन्होंने ही इन सभी कालेजों के विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड की व्यवस्था लागू की थी। जब तक वे कुलपति के पद पर यहां कार्यरत रहे तब तक इसका पालन सही तरीके से होता रहा। फिलहाल यह छात्रों पर निर्भर है कि वे ड्रेस पहन कर कालेज आएं या नहीं। उनके उपर कालेज प्रशासन का न तो डर है और न ही दबाव। नाम न छापने की शर्त पर मारवाड़ी कालेज के एक कर्मचारी ने बताया कि वे लोग प्रतिदिन इसकी जांच करते हैं। फिर भी कुछ बच्चे बिना ड्रेस के ही आ जाते हैं और कहने पर उल्टा-सीधा बोलते हैं। कुछ को पकड़कर प्राचार्य के पास ले जाते हैं। एसएम कालेज में भी यही हालात हैं। एक समय था जब डा. निशा राय यहां की प्राचार्या हुआ करती थीं तो यहां छात्राओं को मोबाइल लेकर अंदर प्रवेश करना वर्जित था। परंतु वह बीते दिनों की बात हो गयी है। ला कालेज तो इस मामले में दो कदम आगे ही है। कानून का गुर सिखाने वाला संस्थान इस मसले पर खुद कानून तोड़ रहा है। टीएनबी में भी कालेज प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है। यहां भी छात्र अपनी मर्जी के मालिक हैं।

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