31 जुलाई, 2009

अब सांसदों को महंगा पड़ेगा संसद में हंगामा

लोकसभा में हंगामा करना और सदन की कार्यवाही को बाधित करना आने वाले समय में सदस्यों को बहुत महंगा पड़ने जा रहा है. ऐसे सदस्यों का न केवल वेतन भत्ता काटा जाएगा बल्कि अतिवादी कदम उठाने वाले सांसदों को सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ जाएगा.

लोकसभा में शुक्रवार को इस संबंध में एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया गया जिसके उद्देश्यों और कारणों में स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सदस्यों के हंगामे के कारण बाधित होती है और बहुमूल्य समय और राजकोष के धन की बर्बादी के साथ ही इससे संसद की छवि भी धूमिल होती है. विधेयक आगे कहता है, इसलिए संसद की कार्यवाही में किसी सदस्य अथवा सदस्यों के समूहों द्वारा व्यवधान पैदा किया जाता है और उसके परिणामस्वरूप कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी जाती है तो कोई भी सदस्य उस दिन के लिए दैनिक भत्ता प्राप्त करने का हकदार नहीं होगा.

इसके साथ ही यह प्रावधान भी किया गया है कि यदि पीठासीन अधिकारी द्वारा किसी सदस्य या सदस्यों के समूह की उसी सत्र में तीन बार सभा की कार्यवाही में व्यवधान पैदा करने की पहचान की जाती है तो ऐसे सदस्य या सदस्यों के समूह की सदस्यता सभा में इस आशय के लिए पेश किए गए प्रस्ताव और इसके स्वीकार किए जाने पर समाप्त की जा सकती है.

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