31 जुलाई, 2009

सार्वजनिक जगहों पर नहीं बनेंगे पूजास्थल

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केन्द्र सरकार से कहा कि वह सुनिश्चित करे कि सार्वजनिक जगहों पर कोई पूजास्थल नहीं बनेगा। न्यायालय ने सोलीसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम से चार हफ्ते के भीतर इस संबंध में एक हलफनामा दायर करने को कहा ै।
न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और एमके शर्मा की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि सोलीसिटर जनरल यह सुनिश्चित करने के लिए हलफनामा दायर करें कि सड़कों अथवा किसी सार्वजनिक स्थल पर कोई मंदिर, गिरजाघर, मस्जिद अथवा गुरुद्वारा नहीं बनाया जाएगा।
केन्द्र सरकार को यह निर्देश उस याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय के सन् 2006 के आदेश को चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय ने अहमदाबाद के अधिकारियों को सड़कों पर पूजास्थलों सहित सभी अवैध ढाँचों को गिराने का निर्देश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने बाद में इस आदेश पर रोक लगा दी थी।
खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि जहाँ तक मौजूदा धार्मिक संस्थानों का सवाल है, वह समझ सकता है कि उन्हें ढहाने से कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है, लेकिन केन्द्र सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में सार्वजनिक स्थलों पर कोई धार्मिक ढाँचा नहीं बनेगा।
अदालत ने कहा कि अगर कोई भी ढाँचा सार्वजनिक जगह पर बनेगा तो संबंधित अधिकारी दंडित होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार सभी राज्यों से बातचीत कर इस मुद्दे पर किसी आम सहमति तक पहुँचने की कोशिश करे। खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर तक टाल दी।

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