26 जुलाई, 2009

कारगिल युद्ध के शहीदों को देश ने नमन किया


प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और रक्षामंत्री ए.के. एंटनी ने रविवार सुबह कारगिल युद्ध की 10वीं वर्षगांठ पर राजधानी दिल्ली स्थित ‘अमर जवान ज्योति’ पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, “कारगील युद्ध के शहीदों को पूरा राष्ट्र श्रद्धांजलि दे रहा है और मैं भी उसमें शामिल हूं। देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिए”।
वर्ष 1999 की गर्मियों में जम्मू एवं कश्मीर में कारगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कब्जा जमा लिया था। इस युद्ध में करीब 530 भारतीय जवान शहीद हुए थे।

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सेना मनाएगी ‘विजय दिवस’-
आज कारगिल युद्ध को दस वर्ष पूरे हो चुके हैं। जिस कारगिल को वापस पाने के लिए देश के जवानों को शहीद होना पड़ा, उसकी जीत के दस साल पूरे होने पर सेना एक बार फिर उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहती है।
26 जुलाई को ‘कारगिल विजय दिवस’ के मौके पर भारतीय सेना ने कुछ खास तैयारियां की हैं।
पाकिस्तान की कैद से अपनी सरजमीं को वापस लेने के लिए देश ने 530 जांबाज सैनिकों को खोया था, जबकि 1327 जवान जख्मी हुए थे। देश कारगिल में दी गई कुर्बानियों को कभी नहीं भूल सकता।

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रविवार को इस जीत के दस साल पूरे हो जाएंगे और सेना एकबार फिर इन शहीदों को याद करने और जीत के जश्न को मनाने की तैयारी में जुटी हुई है।
इस विजय दिवस पर सेना की 14 कोर और 8 माउंटेन मिलकर एक खास समारोह का आयोजन कर रही हैं।
दो दिनों तक चलने वाले इस खास समारोह में कारगिल जंग में भाग लेने वाले तमाम जवान और अधिकारी शामिल होंगे। इस मौके पर हवाई कार्यक्रम और फौजी परेड के अलावा हथियारों की नुमाइश भी होगी।
सबसे खास कार्यक्रम 26 जुलाई की रात को होगा जब ‘टाइगर हिल’ और ‘तोलोलिंग’ की पहाड़ियों को मशालों से रोशन किया जाएगा।
दस साल पहले के हालात फिर पैदा न हो इसके लिए भारतीय सेना काफी सर्तक हो चुकी है।

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