04 मई, 2009

राजकीय नलकूप का लाभ नहीं मिल रहा

प्रखंड के किसानों को आजतक सिंचाई के लिए राजकीय नलकूप का लाभ नहीं मिल सका है। खेतों में स्टेट बोरिंग लगाने पर सरकार ने लाखों खर्च की राशि खर्च की। लेकिन उनसे खेतों तक आजतक सिंचाई का पानी नहीं पहुंच पाया। फलस्वरूप वे नीजि बोरिंग व भाड़े पर ऊंचे दामों पर सिंचाई कर रहे है। उसके कारण उनका कृषि कार्य महंगा हो गया है। कई किसानों का कहना है कि नलकूपों की जर्जर स्थिति के लिये विभाग के साथ साथ स्थानीय लोग भी जिम्मेदार हैं। सरकार ने यहां नलकूप तो लगा दिए पर स्थानीय लोग मोटर, आर्मेंचर आदि उपकरणों की रक्षा नहीं कर पाए। इससे बोरिंग शुरू होने के पहले ही उनके मशीन चोरी हो गए। इससे कई स्थानों के किसान उसके लाभ से वंचित रह गए। उधर सिंचाई विभाग ने भी इस समस्या के निदान के लिए कारगर कदम नहीं उठाया। इससे किसानों के कल्याण के लिए शुरू की गई यह योजना ठप हो गई। उनका कहना है कि कई नलकूप चलने से पहले ही खराब हो गये। उदाहरण के लिए नगरपाड़ा उत्तर पंचायत में जिस समय नलकूप लगाया जा रहा था उसी दौरान कई जगह पाइप फटने की शिकायत आई। परन्तु अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। उससे सरकार द्वारा खर्च की गई राशि का किसानों को कोई लाभ ही नहीं मिला। स्थानीय किसान विद्यानंद, महेश, भूपेन्द्र यादव, जगदीश, अमीर यादव आदि बताते हैं कि स्टेट बोरिंग खेतों में शोभा की बस्तु बनी हुई है। सिंचाई विभाग व सरकार ने अबतक उसकी सुध नहीं ली है। उन्होंने कहा कि यदि बोरिंग चालू कर दी जाती है तो किसानों को सिंचाई सुलभ हो जाएगी और उनका कृषि खर्च भी घट जाएगा।

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